भाग-22. आपात उपबंध (Emergency Provisions)
आपात उपबंध (Emergency Provisions) MCQ (भारतीय आपात उपबंध का वस्तुनिष्ठ प्रश्न) in Hindi में जितने भी Objective Questions को cover किया गया है जिसको रेलवे लाइफ यूट्यूब चैनल की टीम ने तैयार किया है, वो आपके आने वाले Railways, SSC
CGL, CHSL, CPO, MTS, BPSC, UPSC, UPPCS, MPPSC, Uttarakhand PCS,
RAS/RTS, Chhattisgarh PSC, UP RO/ARO, UP UDA/LDA, Jharkhand PSC, UPSC
CDS etc. Exams के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। इसमें जितने भी Multiple Choice Questions (MCQ) and Answers on भारतीय संविधान में आपात उपबंध (Emergency Provisions) का 2000 to 2023 वस्तुनिष्ठ प्रश्न) से
cover किया गया है सारे Questions different-different Competitive Exams
में पूछे जा चुके हैं अतः आपलोग इसे अच्छी तरह से याद कर लेना चाहिए ।
Q1. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत भारत के राष्ट्रपति को 'आपातकाल की घोषणा' करने का अधिकार है? RRC Group-D Level-1 27/9/2022 (Shift-I)
(a) अनुच्छेद 358
(b) अनुच्छेद 352
(c) अनुच्छेद 370
(d) अनुच्छेद 315
Ans. (b): भारतीय संविधन के अनुच्छेद 352 के तहत भारत के राष्ट्रपति को "आपातकाल की घोषणा करने का अधिकार है। भारतीय संविधान में आपात उपबंधों को तीन भागों में बाँटा गया है-
- राष्ट्रीय आपात (अनुच्छेद-352),
- राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता/राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद-356) और
- वित्तीय आपात (अनुच्छेद-360) ।
भारतीय संविधान में राष्ट्रीय आपात उपबंध- आपात उपबंध भारत शासन अधिनियम-1935 से लिये गए हैं। भारतीय संविधान के भाग XVIII में अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकाल से संबंधित उपबंध उल्लिखित हैं। ये प्रावधान केंद्र को किसी भी असामान्य स्थिति से प्रभावी रूप से निपटने में सक्षम बनाते हैं। संविधान में इन प्रावधानों को जोड़ने का उद्देश्य देश की संप्रभुता, एकता, अखंडता, लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था तथा संविधान की सुरक्षा करना है।
आपातकाल की उद्घोषणा-
अनुच्छेद 352 में निहित है कि ‘युद्ध’ - ‘बाह्य आक्रमण’ या ‘सशस्त्र विद्रोह’ के कारण संपूर्ण भारत या इसके किसी हिस्से की सुरक्षा खतरें में हो तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की घोषणा कर सकता है। मूल संविधान में ‘सशस्त्र विद्रोह’ की जगह ‘आंतरिक अशांति’ शब्द का उल्लेख था। 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1972 द्वारा ‘आंतरिक अशांति’ को हटाकर उसके स्थान पर ‘सशस्त्र विद्रोह’ शब्द किया गया।
ऐसी उद्घोषणा का संकल्प संसद के प्रत्येक सदन की कुल सदस्य संख्या के बहुमत तथा उपस्थिति व मतदान करने वाले सदस्यों को 2/3 बहुमत द्वारा पारित किया जाना आवश्यक होगा। राष्ट्रीय आपात की घोषणा को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखा जाता है तथा एक महीने के अंदर अनुमोदन न मिलने पर यह प्रवर्तन में नहीं रहती, किंतु एक बार अनुमोदन मिलने पर छह माह के लिये प्रवर्तन में बनी रह सकती है।
आपातकाल की प्रभाव
1. केंद्र-राज्य संबंध पर प्रभाव - (अ) कार्यपालक केंद्र को किसी राज्य को किसी भी विषय पर कार्यकारी निर्देश देने की शक्ति प्राप्त हो जाती है। यद्यपि, राज्य सरकारों को निलंबित नहीं किया जाता।
(ब) विधायी संसद को राज्य सूची में वर्णित विषयों पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त हो जाता है। यद्यपि, किसी राज्य विधायिका की विधायी शक्तियों को निलंबित नहीं किया जाता। उपरोक्त कानून, आपातकाल की समाप्ति के बाद छह माह तक प्रभावी रहते हैं। यदि संसद का सत्र नहीं चल रहा हो तो राष्ट्रपति, राज्य सूची के विषयों पर भी अध्यादेश जारी कर सकता है।
(स) वित्तीय राष्ट्रपति, केंद्र तथा राज्यों के मध्य करों के संवैधानिक वितरण को संशोधित कर सकता है। ऐसे संशोधन उस वित्त वर्ष की समाप्ति तक जारी रहते हैं, जिसमें आपातकाल समाप्त होता है।
2. लोकसभा तथा राज्य विधानसभा के कार्यकाल पर प्रभाव- लोकसभा के कार्यकाल को इसके सामान्य कार्यकाल (5 वर्ष) से आगे बढ़ाने के लिये संसद द्वारा विधि बनाकर इसे एक समय में एक वर्ष के लिये (कितने भी समय तक) बढ़ाया जा सकता है। इसी प्रकार, संसद किसी राज्य विधानसभा का कार्यकाल भी प्रत्येक बार एक वर्ष के लिये (कितने भी समय तक) बढ़ा सकती है। उपरोक्त दोनों विस्तार आपातकाल की समाप्ति के बाद अधिकतम छह माह तक के लिये ही लागू रहते हैं।
3. मूल अधिकारों पर प्रभाव - आपातकाल के समय मूल अधिकारों के स्थगन का प्रावधान जर्मनी के वाइमर संविधान से लिया गया है। अनुच्छेद 358 तथा 359 राष्ट्रीय आपातकाल में मूल अधिकार पर पड़ने वाले प्रभाव का वर्णन करते हैं। अनुच्छेद 358, अनुच्छेद 19 द्वारा दिये गए मूल अधिकारों के निलंबन से संबंधित है। जबकि अनुच्छेद 359 अन्य मूल अधिकारों के निलंबन (अनुच्छेद 20 तथा 21 द्वारा प्रदत्त अधिकारों को छोड़कर) से संबंधित है। (अ) अनुच्छेद 358 के अनुसार, जब राष्ट्रीय आपत की उद्घोषणा की जाती है तब अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त छह मूल अधिकार स्वत: ही निलंबित हो जाते हैं। जब राष्ट्रीय आपातकाल समाप्त हो जाता है तो अनुच्छेद 19 स्वत: पुनर्जीवित हो जाता है। अनुच्छेद 19 द्वारा प्रदत्त 6 मूल अधिकारों को युद्ध अथवा बाह्य आक्रमण के आधार पर घोषित आपातकाल में ही निलंबित किया जा सकता है। (ब) अनुच्छेद 359 के अंतर्गत मूल अधिकार नहीं अपितु उनका लागू होना निलंबित होता है। (अनुच्छेद 20 व 21 को छोड़कर) यह निलंबन उन्हीं मूल अधिकारों से संबंधित होता है जो राष्ट्रपति के आदेश में वर्णित होते हैं अनुच्छेद 359 के अंतर्गत निलंबन आपातकाल की अवधि अथवा आदेश में वर्णित अल्पावधि हेतु लागू हो सकता है और निलंबन का आदेश पूरे देश अथवा किसी भाग पर लागू किया जा सकता है।
अब तक की गई आपातकाल की घोषणाएँ - अब तक तीन (3) बार राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा की जा चुकी है-
- अक्तूबर 1962 से जनवरी 1968 तक-चीन द्वारा 1962 में अरुणाचल प्रदेश के नेफा (North-East Fronfier Agency) क्षेत्र पर हमला करने के कारण ।
- दिसंबर 1971 से मार्च 1977 तक पाकिस्तान द्वारा भारत के विरुद्ध अघोषित युद्ध छेड़ने के कारण ।
- जून 1975 से मार्च 1977 तक आंतरिक अशांति के आधार पर ।
Q2. भारत के संविधान में न्यायिक पुनर्विलोकन की अवधारणा किस देश के संविधान से ली गई है? RRC Group-D Level-1 16/9/2022 (Shift-I)
(a) ऑस्ट्रेलिया
(b) यूनाइटेड किंगडम
(c) संयुक्त राज्य अमेरिका
(d) न्यूजीलैंड
Ans. (c): भारतीय संविधान मूलतः 1935 के भारत शासन अधिनियम से प्रेरित है और इसके कुछ प्रावधान अन्य देशों के संविधान से प्रेरित है जैसे मूल अधिकार, विधि के समान संरक्षण, नैसर्गिक न्याय एवं न्यायिक पुनर्विलोकन संयुक्त राज्य अमेरिका।
(a) ऑस्ट्रेलिया
(b) यूनाइटेड किंगडम
(c) संयुक्त राज्य अमेरिका
(d) न्यूजीलैंड
Ans. (c): भारतीय संविधान मूलतः 1935 के भारत शासन अधिनियम से प्रेरित है और इसके कुछ प्रावधान अन्य देशों के संविधान से प्रेरित है जैसे मूल अधिकार, विधि के समान संरक्षण, नैसर्गिक न्याय एवं न्यायिक पुनर्विलोकन संयुक्त राज्य अमेरिका।
Q3. यदि कोई राज्य संवैधानिक तरीके से संचालन में विफल होता है, तो वहां राज्य आपातकाल लागू किया जा सकता है। इनमें से कौन राज्य आपातकाल की घोषणा कर सकता है। RRB NTPC CBT1 12.3.2021 (Shift-I)
(a) भारत का महान्यायवादी
(b) उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
(c) भारत का राष्ट्रपति
(d) उस राज्य का राज्यपाल
Ans. (c): राष्ट्रपति शासन का तात्पर्य राज्य सरकार के निलंबन और संबंधित राज्य में प्रत्यक्ष रूप से केंद्र का शासन लागू होने से है। राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के माध्यम से केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है। यदि राष्ट्रपति इस बात से आश्वस्त है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है
(a) भारत का महान्यायवादी
(b) उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
(c) भारत का राष्ट्रपति
(d) उस राज्य का राज्यपाल
Ans. (c): राष्ट्रपति शासन का तात्पर्य राज्य सरकार के निलंबन और संबंधित राज्य में प्रत्यक्ष रूप से केंद्र का शासन लागू होने से है। राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के माध्यम से केंद्रीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है। यदि राष्ट्रपति इस बात से आश्वस्त है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है
Q3. भारत में राष्ट्रीय आपातकाल किसके शासनकाल में लगाया गया था? RRC Group-D Level-1 12-10-2018 (Shift-III)
(a) आई.के. गुजराल
(b) पी.वी. नरसिम्हा राव
(c) ए.बी. वाजपेयी
(d) इंदिरा गाँधी
Ans: (d) भारत में राष्ट्रीय आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक इंदिरा गाँधी के शासनकाल में लगा। उस समय देश के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने इसकी घोषणा की।
(a) आई.के. गुजराल
(b) पी.वी. नरसिम्हा राव
(c) ए.बी. वाजपेयी
(d) इंदिरा गाँधी
Ans: (d) भारत में राष्ट्रीय आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक इंदिरा गाँधी के शासनकाल में लगा। उस समय देश के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने इसकी घोषणा की।
अब तक की गई आपातकाल की घोषणाएँ - अब तक तीन (3) बार राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा की जा चुकी है-
- अक्तूबर 1962 से जनवरी 1968 तक-चीन द्वारा 1962 में अरुणाचल प्रदेश के नेफा (North-East Fronfier Agency) क्षेत्र पर हमला करने के कारण ।
- दिसंबर 1971 से मार्च 1977 तक पाकिस्तान द्वारा भारत के विरुद्ध अघोषित युद्ध छेड़ने के कारण ।
- जून 1975 से मार्च 1977 तक आंतरिक अशांति के आधार पर ।
Q4. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में वित्तीय आपातकाल से संबंधित प्रावधान वर्णित है? RRB NTPC CBT1 28.04.2016 (Shift-III)
(a) अनुच्छेद-148
(b) अनुच्छेद-143
(c) अनुच्छेद-360
(d) अनुच्छेद-72
Ans: (c) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 360 के अनुसार, राष्ट्रपति को ऐसा संज्ञान होने पर कि भारत या उसके किसी भाग में वित्तीय साख का खतरा पैदा हो गया है, तो वह वित्तीय आपात की उद्घोषणा कर सकता है। अनुच्छेद-148 में भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, अनुच्छेद-143 उच्चतम न्यायालय का परामर्शदात्री क्षेत्राधिकार तथा अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति के क्षमादान शक्ति से संबंधित है।
(a) अनुच्छेद-148
(b) अनुच्छेद-143
(c) अनुच्छेद-360
(d) अनुच्छेद-72
Ans: (c) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 360 के अनुसार, राष्ट्रपति को ऐसा संज्ञान होने पर कि भारत या उसके किसी भाग में वित्तीय साख का खतरा पैदा हो गया है, तो वह वित्तीय आपात की उद्घोषणा कर सकता है। अनुच्छेद-148 में भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, अनुच्छेद-143 उच्चतम न्यायालय का परामर्शदात्री क्षेत्राधिकार तथा अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति के क्षमादान शक्ति से संबंधित है।
Q5. आपातकालीन या आपदाओं के मामले में भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित में से कौन सी निधि का उपयोग किया जा सकता है? RRC Group-D Level-1 02-11-2018 (Shift-II)
(a) आकस्मिक निधि
(b) संचित निधि
(c) सार्वजनिक निधि
(d) आम निधि
Ans : (a) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 267 में आकस्मिक निधि का वर्णन है। इस निधि को राष्ट्रपति की ओर से वित्त सचिव द्वारा रखा जाता है। यह निधि राष्ट्रपति के अधिकार में रहती है और वह किसी अप्रत्याशित व्यय के लिए अग्रिम दे सकता है। इसे बाद में संसद द्वारा प्राधिकृत करवाया जा सकता है।
(a) आकस्मिक निधि
(b) संचित निधि
(c) सार्वजनिक निधि
(d) आम निधि
Ans : (a) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 267 में आकस्मिक निधि का वर्णन है। इस निधि को राष्ट्रपति की ओर से वित्त सचिव द्वारा रखा जाता है। यह निधि राष्ट्रपति के अधिकार में रहती है और वह किसी अप्रत्याशित व्यय के लिए अग्रिम दे सकता है। इसे बाद में संसद द्वारा प्राधिकृत करवाया जा सकता है।
Q6. भारत में आपातकाल की घोषणा करने का अधिकार किसके पास है? RRB JE/DMS/CMA 27/05/2019 (Shift-I), RRB NTPC CBT1 18.04.2016 (Shift-III)
(a) प्रधानमंत्री
(b) भारत के मुख्य न्यायाधीश
(c) राष्ट्रपति
(d) उप राष्ट्रपति
Ans: (c) आपातकाल से संबंधित उपबंध भारतीय संविधान क भाग-18 के अन्0 352 से 360 के अन्तर्गत मिलता है। मंत्रिपरिषद के परामर्श से राष्ट्रपति तीन प्रकार के आपात लागू कर सकता है-
(1) राष्ट्रीय आपात (अनु. 352)
(2) राष्ट्रपति शासन (अनु. 356)
(3) वित्तीय आपात (अनु. 360)
भारत के राष्ट्रपति के पास कुछ महत्वपूर्ण शक्तियाँ निम्न हैं-
1. संसद सदस्यों के मनोनयन का अधिकार
2. अध्यादेश जारी करने की शक्ति (अनु. 123) 3. क्षमादान की शक्ति (अनु. 72)
4. नियुक्ति सम्बन्धी अधिकार (प्रधानमंत्री, मंत्रीपरिषद, मुख्य न्यायाधीश, महान्यायवादी (AG) आदि)
Q7. जब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं तो उस दौरान भारत में आंतरिक आपातकाल की घोषणा कब की गई? RRB JE/DMS/CMA 1/06/2019 (Shift-II)
(a)1978
(b) 1975
(a)1978
(b) 1975
(c) 1973
(d) 1984
Ans : (b) इन्दिरा गाँधी ने 1966 से लेकर 1977 तक और 1980 से लेकर मृत्यु तक देश के प्रधानमंत्री का पदभार सम्भाला था। 1975 में, विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़ती मुद्रास्फीति, अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति और अनियंत्रित भ्रष्टाचार पर इन्दिरा गांधी की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार के खिलाफ बहुत प्रदर्शन किया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि इन्दिरा गाँधी ने पिछले चुनाव के दौरान अवैध तरीके का इस्तेमाल किया था। इस बात ने आग का काम किया। इस कारण लोगों में उनके प्रति क्रोध भी बढ़ गया। श्रीमती गांधी ने 26 जून, 1975 क दिन इस्तीफा देने के बजाय 'देश में आन्तरिक अशांति के आधार पर राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद से अनु. 352 के तहत आपात काल की घोषणा करवा दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था।
(d) 1984
Ans : (b) इन्दिरा गाँधी ने 1966 से लेकर 1977 तक और 1980 से लेकर मृत्यु तक देश के प्रधानमंत्री का पदभार सम्भाला था। 1975 में, विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़ती मुद्रास्फीति, अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति और अनियंत्रित भ्रष्टाचार पर इन्दिरा गांधी की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार के खिलाफ बहुत प्रदर्शन किया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि इन्दिरा गाँधी ने पिछले चुनाव के दौरान अवैध तरीके का इस्तेमाल किया था। इस बात ने आग का काम किया। इस कारण लोगों में उनके प्रति क्रोध भी बढ़ गया। श्रीमती गांधी ने 26 जून, 1975 क दिन इस्तीफा देने के बजाय 'देश में आन्तरिक अशांति के आधार पर राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद से अनु. 352 के तहत आपात काल की घोषणा करवा दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था।
Q8. किस अनुच्छेद के अनुसार वैध कारणों के आधार पर राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है? RRB NTPC CBT1 29.04.2016 (Shift-I)
(a) 356
(b) 309
(c) 370
(d) 372
Ans : (a) संकटकाल से निपटने के लिए राष्ट्रपति को निम्नलिखित आपातकालीन शक्तियाँ प्राप्त है-
1. युद्ध, बाहय आक्रमण या सशख विद्रोह से उत्पन्न आपात (अनुच्छेद-352)
2. राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता से उत्पन्न आपात (अनुच्छेद -356)
(a) 356
(b) 309
(c) 370
(d) 372
Ans : (a) संकटकाल से निपटने के लिए राष्ट्रपति को निम्नलिखित आपातकालीन शक्तियाँ प्राप्त है-
1. युद्ध, बाहय आक्रमण या सशख विद्रोह से उत्पन्न आपात (अनुच्छेद-352)
2. राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता से उत्पन्न आपात (अनुच्छेद -356)
3. वित्तीय आपात (अनुच्छेद -360)
भारतीय राजनीति विषय सामान्य ज्ञान रेलवे पिछले वर्ष प्रश्न पत्र एएलपी,
तकनीशियन, जूनियर इंजीनियर (जेई), डीएमए, सीएमए, एनटीपीसी ग्रेजुएट और
अंडर ग्रेजुएट, ग्रुप डी लेवल 1, पैरामेडिकल, सीनियर सेक्शन इंजीनियर
(एसएसई), पैरामेडिकल, मिनिस्ट्रियल और आइसोलेटेड श्रेणियाँ, आरपीएफ
कांस्टेबल और आरपीएफ सब इंस्पेक्टर (एसआई) [ Indian polity topic General
knowledge railway previous year question paper alp, technician, junior
engineers (JE), DMA, CMA, NTPC Graduate and under graduate, group d
level 1, paramedical, Senior section engineer (SSE), paramedical,
ministerial and isolated categories, rpf constable and rpf sub inspector
(SI)]
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